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नमस्कार दोस्तों Computervidya में आपका स्वागत है आज के इस पोस्ट में हम आपको What is ISDN in Hindi (ISDN Kya Hai) के बारें में विस्तार से बताएँगे साथ ही Types of ISDN in Hindi (ISDN के प्रकार) तथा इसके Advantage और Disadvantage के बारें में भी बतायेंगें।।
What is ISDN in Hindi (ISDN kya hai)
ISDN का पूरा नाम Integrated Service Digital Network है। यह एक डिजिटल टेलीफोन नेटवर्क है जिसका उपयोग Point to Point टेलीफोन नेटवर्क के रूप में किया जाता है। ISDN नेटवर्क के माध्यम से उपयोगकर्ता को Internet Service भी प्रदान किया जाता है। ISDN मुख्यतः Circuit Switching नेटवर्क का उदाहरण है अर्थात ISDN Network में Source और Destination Computer आपस में फिजिकल सर्किट नेटवर्क के माध्यम से Connect रहता है।



ISDN नेटवर्क में Data और Voice एक ही तार के माध्यम से ट्रांसमिट होता है यह DSL (Digital Subscriber Line) की तरह कार्य करता है। दोनों में फर्क सिर्फ इतना है कि DSL लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का डिवाइस है जबकि ISDN पुराना टेक्नोलॉजी का डिवाइस है।


ISDN कनेक्शन के प्रकार
दोस्तों ISDN में दो प्रकार के कनेक्शन इंटरफ़ेस का उपयोग किया जाता है जिनमें BRI कनेक्शन इंटरफ़ेस और PRI कनेक्शन इंटरफ़ेस शामिल है:-
    1. BRI (Basic Rate Interface)
    2. PRI (Primary Rate Interface)

► BRI-ISDN:-
BRI का पूरा नाम Basic Rate Interface है जो PRI की तुलना में कम कीमत में कम स्पीड वाले कनेक्शन प्रोवाइड करने के लिए उपयोग किया जाता था। ज्यादातर BRI कनेक्शन के उपयोग घर, ऑफिस और छोटे कंपनी में इन्टरनेट कनेक्शन के लिए उपयोग किया जाता था। BRI वालें ISDN में केवल दो B चैनल और एक D चैनल का उपयोग किया जाता था। BRI तांबे के वायर पर अधिकतम स्पीड केवल 128 Kbps तक होती थी जिसमें B चैनल 64 Kbps और D चैनल 16 Kbps पर चलता था।





► PRI-ISDN:-
PRI का पूरा नाम Primary Rate Interface है जो BRI की तुलना में अधिक कीमत में अधिक स्पीड वाले कनेक्शन प्रोवाइड करने के लिए उपयोग किया जाता था। ज्यादातर PRI कनेक्शन के उपयोग बड़े कंपनी जैसे कॉल सेंटर एवम् BPO इत्यादि में इन्टरनेट कनेक्शन के लिए उपयोग किया जाता था। PRI वालें ISDN में केवल दो 23 B-चैनल और एक D-चैनल का उपयोग किया जाता था जिसमे अधिकतम स्पीड 2.94 Mbps तक होती थी।



Channel in ISDN (ISDN के चैनल)
दोस्तों ISDN में दो प्रकार के चैनल का उपयोग किया जाता है जिसमे B-चैनल और D-चैनल दोनों शामिल है।
    1. B-चैनल
    2. D-चैनल

► B-चैनल:-
इस चैनल का पूरा नाम Bearer Channel (बेयरर चैनल) है। इसका उपयोग डाटा और voice के ट्रांसमिशन के लिए किया जाता है।

► D-चैनल:-
D चैनल का पूरा नाम Delta Channel (डेल्टा चैनल) है। इसका उपयोग सिग्नलिंग और कण्ट्रोलिंग के लिए किया जाता है साथ ही इसका उपयोग कनेक्शन को Establish करने तथा Dis-connect करने के लिए किया जाता था। इस चैनल का उपयोग डाटा ट्रांसमिशन के लिए नहीं किया जाता है।
ISDN के Advantage (ISDN Advantage in Hindi)
    1. Network में डिवाइस के मध्य High Bandwidth प्रदान करता है।
    2. ISDN एक ऐसी पहली dial-up technology थी जिसने हाई स्पीड की इन्टरनेट प्रदान किया था।
    3. ISDN टेक्नोलॉजी एक ही कॉपर वायर से कई प्रकार के सर्विसेस प्रदान करते थे।
    4. ISDN नेटवर्क Reliable Connection प्रदान करता है क्योंकि इस प्रकार के नेटवर्क में सभी डिवाइस अन्य डिवाइस से Physical Connection के माध्यम से जुड़ा रहता है।


Disadvantage of ISDN Network
    1. ISDN Network सिमित जगह के लिए इन्टरनेट कनेक्शन प्रदान कर सकता है ।
    2. ISDN की स्पीड बहुत ही कम होती थी इसकी स्पीड केवल 128 Kbps से 384 Kbps तक सिमित होती थी।
    3. ISDN कनेक्शन की Cost उसकी स्पीड के हिसाब से बहुत अधिक होती थी। ISDN टेक्नोलॉजी डायल अप कनेक्शन पर काम करता था।
    4. इस प्रकार के Network को बनाने में विभिन्न प्रकार के Special Device की आवश्यकता होती है।
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