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डोमेन नेम क्या है? डोमेन नेम सिस्टम के कार्यप्रणाली, डोमेन और DNS Record के प्रकार को विस्तार से समझाइये 

Domain Name System (DNS) क्या है?

इन्टरनेट से जुड़ने वाले सभी कंप्यूटर और डिवाइस को सर्वर द्वारा IP Address प्रदान किया जाता है। वर्तमान में ये IP एड्रेस 32 बिट के होते है और ये चार ब्लाक में होते है जैसे (192.168.11.23)


यूजर को IP एड्रेस को याद रखना कठिन कार्य है। लेकिन दूसरी तरफ सर्वर केवल IP एड्रेस से कम्यूनिकेट करता है। इस प्रॉब्लम को दूर करने के लिए domain name system का उपयोग किया जाता है।

डोमेन-नेम-सिस्टम-के-कार्य

डोमेन नेम सिस्टम TCP/IP का Name Resolution सर्विस है जो domain name को IP Address में translate करता है। दुसरे शब्दों में डोमेन नेम सिस्टम Internet की एक service है। जो domain name को IP address में और IP address को domain name में मैपिंग(कन्वर्ट) करने का कार्य करता है।

Domain Name क्या है?

डोमेन नेम एक unique वेब एड्रेस होता है। जिसके द्वारा वेबसाइट को identify अर्थात पहचान किया जाता है। जैसे google.com, yahoo.com, Computervidya.com इत्यादी।

दोस्तों computervidya.com हमारे वेबसाइट का डोमेन नेम है।इसका उपयोग करके आप हमारे वेबसाइट में विजिट कर सकते है। शुरुवात के समय में सभी वेबसाइट IP एड्रेस पर आधारित होती थी। IP एड्रेस के उदाहरण जैसे (192.168.1.11)



वेबसाइट के IP एड्रेस को याद करके वेबसाइट पर लॉग इन करना बहुत ही कठिन हो जाता है।अतः इसलिए डोमेन नेम को बनाया गया जिससे यूजर किसी भी वेबसाइट के पता को असानी से याद कर सकें।

दोस्तों वास्तविक में वेबसाइट के बिच में कम्युनिकेशन IP एड्रेस के माध्यम से होता है। लेकिन यूजर को IP एड्रेस याद नहीं रहता है और डोमेन नेम असानी से याद हो जाता है।

Domain Name Space क्या है? DNS कैसे कार्य करता है?

DNS डेटाबेस के Structure को डोमेन नेम स्पेस कहा जाता है।DNS डेटाबेस के स्ट्रक्चर inverted tree के समान है जिसके टॉप (जीरो) लेवल को root (रूट) कहा जाता है। Domain name space के डेटाबेस के स्ट्रक्चर में कुल 128 लेवल होते है। DNS स्ट्रक्चर में 0 लेवल से 127 लेवल होते है। जिसके लेवल 0 को root कहा जाता है। रूट नोड को null लेवल भी कहा जाता है।

Root level:- रूट लेवल को जीरो लेवल भी कहा जाता है इसे डॉट (.) से denote किया जाता है। रूट लेवल का तात्पर्य null अर्थात कुछ भी नहीं होता है।

Second level Domain:- यह डोमेन नेम का हिस्सा होता है जो टॉप लेवल डोमेन के बाद आता है। जैसे:- google.com, amazon.com इत्यादि।




Sub Domain:- किसी भी वेबसाइट के unique कंटेंट को represent करने के लिए सब डोमेन बनाया जाता है। उदाहरण के लिए जैसे इस डोमेन (rail.gov.in) में rail सब डोमेन है तथा gov सेकंड लेवल डोमेन है और in टॉप लेवल डोमेन है।

Domain Name System कैसे कार्य करता है ?

Domain Name System एक सर्विस की तरह कार्य करता है जो डोमेन नेम को IP एड्रेस में और IP address को डोमेन नेम में ट्रांसलेट करता है।

domain name system in hindi


दोस्तों जब भी हम लोग वेब ब्राउज़र में domain name को टाइप करते है तो DNS अपने आप डोमेन नेम को IP Address में ट्रांसलेट कर देता है और IP एड्रेस के माध्यम से server तक request भेजता है। और server का जवाब IP एड्रेस के माध्यम से आता है। ब्राउज़र तक response आने से पहले डोमेन नेम सिस्टम वापस IP एड्रेस को डोमेन नेम में ट्रांसलेट कर देता है। जिससे यूजर को पता ही नहीं चलता की कम्युनिकेशन IP एड्रेस के माध्यम से हुआ है लेकिन वास्तविक में वेबसाइट के बिच में कम्युनिकेशन IP Address के माध्यम से होता है।

Different Types of DNS Record:-

दोस्तों वैसे तो DNS रिकॉर्ड विभिन्न प्रकार के होते है लेकिन यहाँ पर कुछ महत्वपूर्ण DNS रिकॉर्ड के बारे में बता रहे है।

Domain Name System ke record types

  1. A Record:- इसका पूरा नाम Address Record है। जिसमें सर्वर के IP Address को डोमेन नेम के साथ मैप करके रखा जाता है।

  2. CNAME:- इसका पूरा नाम Canonical Name record है। जो एक तरह का DNS रिकॉर्ड है, जिसमें एक डोमेन को दूसरे के लिए एक उपनाम के रूप में Map करता हैं।




3. Alias Record :- यह रिकॉर्ड CNAME रिकॉर्ड की तरह होता है जिसे एक डोमेन एड्रेस से दूसरे डोमेन एड्रेस पर मैप करने के लिए प्रयोग किया जाता है। लेकिन alias एक ही नाम का उपयोग करके अन्य रिकॉर्ड के साथ रह सकता है।

4. MX Record:- इसका पूरा नाम मेल एक्सचेंज रिकॉर्ड है। यह उस डोमेन के मेल सर्वर के  IP एड्रेस को उस सर्वर के होस्ट नाम के साथ मैप करता है, साथ ही यदि उस डोमेन में कई मेल सर्वर है तो उनकी priority भी बताता है।
   
Types of Domain Level (डोमेन लेवल के प्रकार):-

दोस्तों वैसे तो डोमेन नेम विभिन्न प्रकार के है लेकिन उन सभी प्रकार में जो महत्वपूर्ण डोमेन नेम है उनके बारें में निचे विस्तार से बता रहें है।

     1. TLD-Top Level Domain:-
डोमेन नेम में डॉट(.) के बाद आने वाले नाम को टॉप लेवल डोमेन कहा जाता है। इस प्रकार के डोमेन नाम का प्रयोग सबसे पहले किया गया। इस प्रकार के डोमेन नेम को विभिन्न प्रकार के सर्च इंजन बहुत ही importance देते है जिसके कारण इस प्रकार के डोमेन रखने वाले वेबसाइट असानी से रैंक हो जाती है।

उदाहरण:- .com (commercial), .org (organization), .edu (education), .gov(government) इत्यादि।

    2. CCTLD-Country Code Top Level Domain:-
इस प्रकार के डोमेन नेम का नाम देश (country) के आधार पर रखा जाता है। इस प्रकार के डोमेन नेम में डॉट(.) के बाद केवल दो character का उपयोग किया जाता है।

उदाहरण:- .in (India), .pk (Pakistan), .us (United State), .cn (china) इत्यादि।

Types of Domain Name (डोमेन नेम के प्रकार):-

    1. FQDN:-

FQDN का तात्पर्य fully qualified domain name है। यदि डोमेन नेम का लेवल null string से terminated होता है तो इस प्रकार के डोमेन नेम को fully qualified domain name(FQDN) कहा जाता है। दुसरे शब्दों में होस्ट के पुरे एड्रेस को फुल्ली क्वालिफाइड डोमेन नेम कहा जाता है।


DNS ke prakar


उदाहरण:- चित्र के अनुसार (Bilaspur.rail.gov.in) एक फुल्ली क्वालिफाइड डोमेन नेम है।




    2. PQDN:-

PQDN का तात्पर्य Partially qualified domain name है। यदि डोमेन नेम का लेवल null string से terminated नहीं होता है तो इस प्रकार के डोमेन नेम को Partially qualified domain name(FQDN) कहा जाता है। दुसरे शब्दों में होस्ट के पुरे एड्रेस के कुछ पार्ट को Partially क्वालिफाइड डोमेन नेम कहा जाता है।


PQDN in Hindi

उदाहरण:- चित्र के अनुसार (rail.gov.in) एक फुल्ली क्वालिफाइड डोमेन नेम है।

DNS in the Internet (इन्टरनेट में DNS) :-

डोमेन नेम सिस्टम, TCP/IP की name resolution service है जिनका उपयोग विभिन्न प्रकार के platform में किया जाता है। इन्टरनेट में डोमेन नेम स्पेस को तिन अलग अलग केटेगरी में बाँटा गया है। जो निम्नलिखित है।


internet me DNS

    1. Inverse Domain:-

वे सभी domain जिनका उपयोग IP एड्रेस को डोमेन नेम में मैप (map) करने के लिए किया जाता है उस प्रकार के डोमेन को inverse domain कहा जाता है।
इनवर्स डोमेन हिंदी में

उदाहरण:- चित्र के अनुसार (43.32.132.bsp) इत्यादि।

     2. Generic Domain:-

वे सभी domain जिनका नाम आर्गेनाइजेशन के nature के अनुसार रखा जाता है उन सभी डोमेन को जेनेरिक डोमेन कहा जाता है।
जेनेरिक डोमेन हिंदी में

उदाहरण:- .com (commercial), .org (organization), .edu (education), .gov(government) इत्यादि।

     3. Country Domain:-




वे सभी domain जिनका नाम देश के आधार पर रखा जाता है उन सभी डोमेन को कंट्री डोमेन कहा जाता है।
what is country domain in hindi


उदाहरण:- .in (India), .pk (Pakistan), .us (United State), .cn (china) इत्यादि।

तो दोस्तों! उम्मीद करते है इस पोस्ट (What is Domain Name System in Hindi, डोमेन नेम क्या है?) से कुछ अच्छी जानकारी जरुर मिली होगी अगर यह पोस्ट आपको पसंद आया हो तो अपने दोस्तों को शेयर करें और अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो पोस्ट के निचे कमेंट करना ना भूलें।धन्यवाद् .....  

1 टिप्पणियाँ

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rovin singh chauhan ने कहा…
apne bahut he badiya tarike se samjhaya hai domain ke bare me thanks.
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