लिनक्स क्या है ? लिनक्स के इतिहास और विशेषताएं को विस्तार से समझाइए।
What is Linux in Hindi
दोस्तों लिनक्स एक यूनिक्स लाइक Open Source operating system है साथ ही
लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में Multiuser, Multiprocessing, Multitasking जैसे
विशेषताएं उपलब्ध हैं। दोस्तों आपको पता नहीं होगा लेकिन आप सभी लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का क्या इस्तमाल कर रहे हैं
भले ही चाहे आप Mobile Phone, gadgets, smart phones, cars, या home
appliances के माध्यम से इसका उपयोग कर
रहे है। दोस्तों Linux की operating system हर जगह में मौजूद है। हमें भले ही इसके बारें में इतनी जानकारी न हो लेकिन हम इसका
इस्तमाल हमेशा कर रहे हैं। क्योंकि वर्तमान में आने वाले सभी मोबाइल डिवाइस
में एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम के माध्यम से हम सभी लिनक्स का उपयोग कर रहे है।
Linux Operating System को मार्केट आये हुए लगभग 30 सालों से भी ज्यादा हो चुके हैं लिनक्स को Linus Torvalds
ने सन 1991 में यूनिवर्सिटी ऑफ़
हेलसिंकी में तैयार किया गया था। Linus Torvalds इस विश्वविद्यालय का एक विद्यार्थी था Linus
Torvalds ने कर्नल को लिखते समय सन 1991 में लिनक्स को तैयार करना आरम्भ किया था और तब से ही इसके उपयोगिता के
कारण इसने प्रायः सभी डिवाइस में पूरी तरह से अपनी पकड़ कायम किये हुए है और आगे भी
करता ही रहेगा।
Introduction of Linux in Hindi
दोस्तों Linux एक open
source operating system है। यहाँ open source का मतलब यह है कि आप Linux के source code अर्थात Kernal को आप इन्टरनेट से डाउनलोड करके अपने अनुसार modify कर सकते है। क्योंकि इन्टरनेट पर लिनक्स का source कोड
फ्री मैं उपलब्ध है।बहुत सारें कंपनी इसके सोर्स कोड को
डाउनलोड करके उसमे modification करके अपना लिनक्स वर्शन publish करते है अतः
वर्तमान में लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के लगभग 5000 से अधिक version मार्केट में
available है।
लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम की
सबसे अच्छी बात यह है की इस ऑपरेटिंग सिस्टम में virus आने की बहुत कम Possibility होती है। अतः लिनक्स को वायरस फ्री ऑपरेटिंग सिस्टम भी कहा जाता है।
लिनक्स क्या कर सकता है ? What can Linux Do ?
दोस्तों लिनक्स ऑपरेटिंग
सिस्टम विंडोज और यूनिक्स के सामान High Level ऑपरेटिंग सिस्टम है। Software और
Ideas के निशुल्क आदान प्रदान की प्रथा से लिनक्स का विकास हुआ है। लिनक्स को हम graphically और command दोनों माध्यम से उपयोग कर सकते है। हम आपको कुछ लिनक्स
ऑपरेटिंग सिस्टम के नाम बता रहे है जो इस समय में काफी अधिक उपयोग हो रहे है। जैसे Opensuse Linux, Debian
Linux, Linux Mint, Oracle Linux, Fedora, Cantos, Kali Linux इत्यादि
मुख्य रूप से ये ज्यादा Reliable, Secure और error-free operating system होने के कारण ही सभी लोग इसका इस्तमाल करना चाहते हैं।
Linux का मालिक कौन है?
दोस्तों क्योंकि Linux की licensing open source है, अतः लिनक्स
ऑपरेटिंग सिस्टम सभी के लिए भी free
में available है। लेकिन फिर भी “Linux”
नाम का trademark उसके बनाने वाले व्यक्ति, Linus Torvalds को ही जाता है और Linux ऑपरेटिंग सिस्टम की source code
अर्थात कर्नल का copyright बहुत
से individual authors के
नाम में जाता है। इसलिए
लिनक्स के लाइसेंस को सामूहिक रूप से GPLv2 license के तहत रख दिया गया है क्योंकि लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के
पीछे एक बहुत ही बड़े group का हाथ है, जिन्होंने इसमें अपना अपना योगदान दिया है
और जिसे develop करने में
बहुत साल लग गए, इसलिए Linux के license को GPLv2 के अंतर्गत शामिल कर दिया गया है जिसमें सबकी सहमति शामिल
है।
दोस्तों Linux एक UNIX जैसा
ऑपरेटिंग सिस्टम है जो SVID, POSIX और
BSD के मिश्रण से मिलकर बना हुआ है।
वर्तमान समय में लिनक्स में सर्वाधिक कंट्रोल open source development lab (www.osdl.org) और लिनस टोरवाल्ड का है।इनके अलावा लिनक्स के व्यावसायिक निर्माता Linux
Standard Base लिनक्स के वितरण सम्बंधित कार्यो को देखते है।
Basic Feature of Linux Operating System
दोस्तों लिनक्स
ऑपरेटिंग सिस्टम के सभी वर्शन में Linux Kernal का Common सोर्स कोड उपस्थित रहता
है। जिसे विभिन्न कंपनियां अपने आवश्यकता अनुसार edit करके लिनक्स एक नया वर्शन
publish करते है इसलिए आज वर्तमान में लिनक्स के 5000 से अधिक वर्शन मार्केट में
available है और प्रत्येक लिनक्स कर्नल में निम्नलिखित विशेषताएं उपलब्ध रहता है।
1. Open Source: Linux एक ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है। अर्थात इसके कोई भी मालिक नहीं है|
लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के सोर्से कोड Internet में मुक्त में उपलब्ध है | इसके सोर्से कोड को कोई
भी अपने इच्छा अनुसार मॉडिफाई करके अपना Linux Version निकाल
सकता है। इसलिए लिनक्स के 5000 से अधिक version इन्टरनेट में
उपलब्ध है।
2. Free Operating System: Linux एक फ्री ऑपरेटिंग सिस्टम है। अर्थात इसको उपयोग करने के लिए हमें पैसे
खर्च करने की जरुरत नहीं है। इसलिए Linux के साथ आने वाले Laptop
computer की कीमत windows कंप्यूटर की तुलना
में बहुत कम होती है क्योकि उस लैपटॉप पर हमें लिनक्स फ्री में मिल जाता है।
3. Multiuser: Linux एक मल्टीयूज़र ऑपरेटिंग सिस्टम है। अर्थात इसमें एक से अधिक यूजर बनाये जा
सकते है और एक ही समय में एक से अधिक यूजर कार्य कर सकते है। अर्थात एक समय में एक
से अधिक यूजर लॉगइन हो सकते है।
4. Multitasking: Linux एक Multitasking ऑपरेटिंग सिस्टम है। अर्थात इसमें
एक से अधिक task को run जा सकते है अर्थात यूजर एक ही समय
में एक से अधिक application को run कर सकते है जैसे text editor में वर्क करते हुए
song चलाना और उसके साथ फोटो एडिटर जैसे सॉफ्टवेर में एक साथ कार्य कर सकता है।
5. Robust Networking Support: Linux ऑपरेटिंग
सिस्टम नेटवर्क को अच्छे से support करता है लिनक्स के माध्यम से हम नेटवर्क
क्रिएट कर सकते है और इनके माध्यम से हम एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर एवम्
डिवाइस में फाइल शेयरिंग या communication कर सकते है। लिनक्स TCP/IP प्रोटोकॉल के
अलावा IPX एवम् X.25 जैसे प्रोटोकॉल को पूरी तरह सपोर्ट करता
है। लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में LAN प्रोटोकॉल जैसे Ethernet (Wired and Wireless)
की सुविधा inbuilt होती है। लिनक्स अनेक प्रकार के LAN
कार्ड, मॉडेम और अन्य नेटवर्किंग डिवाइस को अच्छे से support करता है।
6. GUI Support: वर्तमान
में लिनक्स GUI(Graphical User Interface) को अच्छे से Support कर रहा है। लिनक्स
में विंडोस और मैक ऑपरेटिंग सिस्टम के भांति यूजर आइकॉन, इमेज और ग्राफिकल माध्यम
से वर्क कर सकता है। पुराने समय में लिनक्स में केवल कमांड के माध्यम से कार्य
होते थे लेकिन वर्तमान में यूजर कमांड और GUI दोनों के माध्यम से लिनक्स में कार्य
कर सकते है। वर्तमान में आप सभी स्मार्ट फ़ोन के माध्यम से लिनक्स में वर्क कर ही
रहे है एंड्राइड जो की लिनक्स ही वर्शन है जो GUI को पूरी तरह सपोर्ट करता है अन्य
जैसे:- Ubuntu, Fedora, Mint, PC Linux
इत्यादि।
7. Security Feature:
Linux बहुत ही अच्छे security
feature भी प्रदान करता है। साथ ही लिनक्स user’s को जैसे की password
protection, controlled access, data
encryption इत्यादि सुरक्षा प्रदान करता है।
लिनक्स में हम Firewall को इनस्टॉल करके unauthorized access को भी
रोक सकते है। लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में हम bio-metric सिक्यूरिटी भी लगा सकते है।
विंडोज के comparison में लिनक्स के सिक्यूरिटी फीचर को काफी strong माना जाता है
और ज्यादातर Server में windows की जगह लिनक्स का ही प्रयोग किया जाता है।
8. Linux is Reliable: वर्तमान
में लिनक्स सबसे अधिक विश्वसनीय ऑपरेटिंग सिस्टम में से एक है क्योंकि यह ऑपरेटिंग
सिस्टम क्रैश प्रोन नहीं है अर्थात लिनक्स किसी भी condition में बंद नहीं होता है
और इस पर लगातार कार्य किया जा सकता है साथ ही लिनक्स को upgrade या update करने
के लिए इसे बंद करने या दोबारा शुरू करने की जरुरत नहीं होती है।
9. Hardware Support: लिनक्स
में सभी प्रकार के legacy और advance हार्डवेयर को connect किया जा सकता है लिनक्स
में हम फ्लोपी ड्राइव, cdrom, साउंड कार्ड, ग्राफ़िक कार्ड, पेन ड्राइव, SD card
इत्यादि को असानी से कनेक्ट करके उपयोग कर सकते है।
10. Application Support: लिनक्स ऑपरेटिंग
सिस्टम में POSIX की compatibility और API (Application Program Interface)
की सुविधा उपलब्ध होती है। अतः लिनक्स में विभिन्न प्रकार के Freeware और
Shareware सॉफ्टवेर उपलब्ध होते है जिनको यूजर असानी से उपयोग कर सकता है। लिनक्स
में विंडोज की भांति सभी क्षेत्र के सॉफ्टवेर उपलब्ध है जिसे लिनक्स में फ्री ऑफ़
कास्ट फुल वर्शन में उपयोग कर सकते है।
11. Time Sharing: दोस्तों लिनक्स नेटवर्क को पूरी
तरह से सपोर्ट करने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम है अतः इसे ज्यादतर नेटवर्क सर्वर के रूप
में प्रयोग किया जाता है जहाँ लिनक्स के सेंट्रल कंप्यूटर के समय को विभिन्न
terminal में बाँटा जा सकता है अतः लिनक्स टाइम शेयरिंग फीचर को पूरी तरह support
करता है।
12. Network Server: लिनक्स का
प्रयोग प्रायः नेटवर्क के सर्वर के रूप में किया जाता है क्योंकि विंडोज और मैक की
तुलना में लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम fast, Reliable ऑपरेटिंग सिस्टम है। लिनक्स सबसे
बेहतर नेटवर्किंग सर्विसेस प्रदान करने में सक्षम है अतः लिनक्स में विभिन्न
नेटवर्क सर्विसेस को इनस्टॉल करने के लिए सॉफ्टवेर पैकेज available होती है। अतः लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम को Print
Server, File Server, FTP Server, Mail Server एवम् Web
Server के रूप में Configure किया जा सकता है।
13. Robust Development Platform: दोस्तों
लिनक्स को end user के लिए ही नहीं बल्कि प्रोग्रामर के लिए भी बनाया गया है
क्योंकि लिनक्स में विंडोज और मैक के भांति सॉफ्टवेर का डेवलपमेंट किया जा सकता है
वर्तमान में विभिन्न प्रकार के डेवलपमेंट टूल एवम् सॉफ्टवेर लिनक्स ऑपरेटिंग
सिस्टम में भी उपलब्ध है जिनके हेल्प से प्रोग्रामर नए नए सॉफ्टवेर और एप्लीकेशन
develop कर सकते है।
तो दोस्तों उम्मीद करते है की इस पोस्ट से आपको कुछ अच्छी जानकारी जरुर मिली
होगी अगर ये पोस्ट आपको पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों को share करें और अगर
आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो पोस्ट के निचे कमेंट करना ना भूलें। धन्यवाद्
.......
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